उपभोक्ता कानून (Consumer Law in Hindi)

उपभोक्ता कानून (Consumer Law in Hindi)

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उपभोक्ता कानून
उपभोक्ता कानून

उपभोक्ता  वह  व्यक्ति होता है जो किसी वस्तू या सेवाओं का उपयोग करने के लिए भुगतान करता है|  उपभोक्ता  संरक्षण कानून इस लक्ष्य से बनाया गया है की कोई भी उपभोक्ता  को किसी भी तरह की मुश्किल का सामना न करना पड़ें| लगातार आ  रही ग्राहकों की शिकायते जैसे कालाबाज़ारी, खाने पीने के चीजों में मिलावट, अधिक दाम, गारंटी के बावजूद सर्विसेज नही देना, कम नाप तौल, हर जगह ठगी ने आम नागरिक को परेशान कर दिया|

इन्ही समस्याओं से निजात पाने के लिए ही सरकार ने उपभोक्ता  संरक्षण कानून लागू किया है|  उपभोक्ता  कोई भी व्यक्ति है जो किसी भी प्रकार का वस्तु, सेवाएँ ख़रीदते है | उपभोक्ता  को शोषण से बचाने के लिए ही यह कानून बनाया गया है I

उपभोक्ता  को यह पता होना चाहिए की जिस वस्तु या उत्पाद का वे सेवन कर रहे है, उसमे क्या मिला हुआ है, उसकी शुद्धता कितनी है, उसकी गुणवत्ता कितनी है और उत्पादको भी चाहिए की वो अपने वस्तु  के बारे में विस्तृत जानकारी दे| इस समस्या से निपटने के लिए और उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए संसद ने ज़िला स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर विवाद पारितोष अभिकरणों की स्थापना का प्रस्ताव पारित किया है |

यह जम्मू कश्मीर के अलावा भारत के बाकि सभी राज्यों में लागू है| ग्राहक  संरक्षण के लिए कई कानून बनाये गए है| उनमे से एक है उपभोक्ता  संरक्षण कानून|

उपभोक्ता  के कई आधिकार  हो सकते है | जैसे की हर वस्तू की शुद्धता, गुणवत्ता, मुल्य और भी कई चीज़े उसे जानने का हक है |

आप कब शिकायत कर सकते है?  किसी व्यापारी द्वारा अनुचित वस्तु के उपयोग से आपको नुक्सान होना या किसी सामन में खराबी अ जाने के बाद भी न बदलना, गारंटी के बावजूद सर्विसेज न देना  या फिर विक्रेता कानून का उल्ल्गन करते हुआ कोई सामन या वस्तु बेच  रहे है| तब उपभोक्ता  उपभोक्ता  फोरम में जाकर शिकायत दर्ज करा सकता है |

जब बात कहा शिकायत करने की आती है तब क्षतिपूर्ति पर निर्भर करता है, जैसे की अगर यह राशि 20 लाख रूपये से कम है तो जिला फोरम में शिकायत करें। यदि यह राशि 20 लाख रूपये से अधिक लेकिन एक करोड़ रूपये से कम है तो राज्य आयोग के समक्ष और यदि एक करोड़ रुपये से अधिक है तो राष्ट्रीय आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज करायें |

शिकायतकर्ता एक सादे पन्ने पर विपरीत पार्टी के नाम, व उनसे हुई गेर ज़िम्दारा हरकते व आरोपे लिख सकता है और सम्बंदित सभी तथ्य  भी लिख सकता है |  शिकायत दर्ज कराने के लिए किसी वकील की ज़रूरत नही होती है |

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